द फॉलोअप डेस्क
- सदन की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित
- प्रज्ञान इंटरनेशनल विश्वविद्य़ालय विधेयक सदन में पेश
- 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति विधेयक पारित
- सुदिव्य कुमार ने कहा कि 1932 झारखंडी की आत्मा है,1932 झारखंडियों का सपना है, इसपर लोगों को अपनी स्थिति स्पष्ट करना चाहिए। सदन को सर्वसहमति से इसे पारित करना चाहिए। बीजेपी बोले की 9वीं अनुसूची के जाने के बाद बीजेपी इसका सहयोग करेगी या नहीं..
- अमर बाउरी 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति पर अपने विचार सदन में रख रहे हैं। इस राज्य सरकार ने चुनावी भाषण दिया था कि हम नए सिरे से खतियानी आधारित नीति लाएंगे और लोगों को नौकरी भी देंगे लेकिन अभी चौथा साल चल रहा है और नियोजन की स्थिति ऐसी है कि जो भी 8 हजार बहाली हुई है वह पूर्वावती सरकार द्वारा घोषित किए जाने से हुई है। इस सरकार ने एक भी बहाली नहीं की है।
- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विधेयक पर बोल रहे हैं। सीएम बोले - राज्यपाल को संशोधन का अधिकार नहीं, 1932 झारखंड के पहचान से जुड़ा हुआ है। यहां के लोगों की बहुप्रतीक्षित मांग है। सीएम ने सदन से फिर से बिल पारित करने का अनुरोध किया।
- सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू
- सदन की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित
- सीपी सिंह ने शुन्य काल के नियम को लेकर कहा, इस काल में 50 शब्द में अपनीव बात करनी होती है लेकिन यहां लोग एक-एक कागज पढ़ रहे हैं।
- 12.32 बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू
- सदन की कार्यवाही साढ़े 12 बजे तक स्थगित
- बाबूलाल मरांडी धरने पर बैठे
- बीजेपी विधायक रणधीर सिंह ढुल्लू महतो वेल में आए
- ढुल्लू महतो ने उठाया अवैध माइनिंग का मामला, स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की बात कही, इसमें लिप्त लोगों पर कार्रवाई की मांग की
- मिथिलेश ठाकुर ने सदन में खरसावां डिग्री कॉलेज में प्राध्यापकों के नियुक्ति की बात कही15 दिन से 1 महीने तक होगी नियुक्ति
- सदन की कार्यवाही शुरू
- बीजेपी विधायकों का धरना प्रदर्शन जारी
- सदन के बाहर धरना पर बैठे बिरंची नारायण, कहा- युवाओं का मुद्दा उठाने पर निलंबित किया जाता है
- विधायकों के विधानसभा में पहुंचने का दौर शुरू
झारखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र का आज चौथा दिन है। आज का दिन झारखंड के लिए काफी अहम माना जा रहा है। आज एक बार फिर से हेमंत सरकार 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति सदन में पेश करेगी। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने स्पष्ट किया है कि स्थानीयता बिल को सदन में बिना किसी बदलाव के पेश किया जाएगा। इसे लेकर आज सदन में काफी हंगामे के आसार है। गौरतलब है कि यह बिल राजभवन से दो बार वापस लौटाया जा चुका है। पहले, पूर्व राज्यपाल रमेश बैस ने अपने कार्यकाल के दौरान स्थानीयता बिल को वापस लौटा दिया वहीं दूसरी बार मौजूदा राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने इसे वापस कर दिया है। सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि इसे इसी रूप में पारित करना संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन होगा।